Rahasya Murti Story in Hindi
इस कहानी के पात्र
- राम
- मूर्ति का देवता
एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में एक गरीब किसान रहता था। उसका नाम राम था। राम बहुत ही मेहनती और ईमानदार था। वह अपनी मेहनत से अपने परिवार का पालन-पोषण करता था।
एक दिन, राम खेत में काम कर रहा था। अचानक उसे एक रहस्यमय मूर्ति मिली। मूर्ति बहुत ही सुंदर थी। राम ने पहले कभी ऐसी मूर्ति नहीं देखी थी। वह मूर्ति को अपने घर ले आया और उसे अपने कमरे में रख दिया।
मूर्ति को घर लाने के बाद, राम के जीवन में अचानक बदलाव आ गया। वह पहले से भी ज्यादा मेहनती हो गया। उसकी फसलें बहुत अच्छी होने लगीं। उसके घर में पैसा आने लगा।

एक दिन, राम को एक सपना आया। सपने में एक देवता ने उसे बताया कि मूर्ति एक जादुई मूर्ति है। यह मूर्ति राम की मेहनत और ईमानदारी को देखकर प्रसन्न हो गई है। इसलिए यह मूर्ति राम को आशीर्वाद दे रही है।
राम को सपने में देवता ने यह भी बताया कि वह मूर्ति को किसी भी गरीब और जरूरतमंद व्यक्ति को दे सकता है। अगर वह ऐसा करेगा तो वह और भी ज्यादा खुशी और समृद्धि प्राप्त करेगा।
राम ने सपने में देवता की बात मान ली। उसने मूर्ति को एक गरीब और जरूरतमंद व्यक्ति को दे दिया। उस व्यक्ति के जीवन में भी अचानक बदलाव आ गया। वह पहले से भी ज्यादा खुश और समृद्ध हो गया।
राम ने मूर्ति देकर बहुत खुशी महसूस की। उसने सोचा कि वह अपने जीवन में जो कुछ भी हासिल किया है, वह सब उसकी मेहनत और ईमानदारी का ही फल है। उसने यह भी सोचा कि दूसरों की मदद करना ही सबसे बड़ा धर्म है।
इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की दीन हीन और असहाय लोगों की मदद करना सबसे बड़ा धर्म है इसलिए बिना किसी स्वार्थ के ऐसे लोगों की मदद जरूर करनी चाहिए क्योंकि मेहनत और ईमानदारी से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
निष्कर्ष
इस कहानी में मूर्ति को किस देवता ने आशीर्वाद दिया था, यह स्पष्ट नहीं है। लेकिन यह कहा जा सकता है कि यह मूर्ति किसी ऐसे देवता की थी जो मेहनत और ईमानदारी को महत्व देते थे। इसलिए अपने जीवन में ईमानदारी के साथ अपने कामों के मेहनत जरूर करें।
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